महामारी, बेरोज़गारी या भुखमरी (लॉकडाउन का दर्द)



महामारी, बेरोज़गारी या भुखमरी

वक्त ने भी क्या करवट बदली है,
कल तक भी बेरोजगार थे हम
कल तक तो सिर्फ मेरा पेट था खाली,
आज तो पूरा परिवार एक निवाले को तरसा है

लॉकडाउन का सच
पुलिस : तुम्हे पता नही है की लॉकडाउन चल रहा है, और तुम सडक पर अपने बच्चे और परिवार को लेकर कहाँ जा रहे हो | अन्दर जाना है क्या ?

रामू : (रोते हुए) नही साहब गलती हो गयी, हमलोग पैदल अपने घर जा रहे है, 70 से 80 किलोमीटर और बचा है, 200 किलोमीटर का सफ़र पूरा क्र लिए है साहब | जाने दो बस थोड़ी दिन में हम अपने घर पहुँच जायेंगे|

पुलिस : नही नही अभी और आगे जाने के लिए नही दे सकते है आगे रेड जोन है या तो वापस जाओ नही तो यंही पड़े रहो, मगर आगे जाने के लिए नही मिलेगा |

पुलिस कांस्टेबल : साहब इसे जाने दो ये बेरोजगार लोग है और इनका बच्चा भी देखिये भूखे पेट सो रहा है | इसलिए इनको जाने दो साहब गरीब लोग है |

रामू : (अपनी आँखों से आंसू को रोकते हुए) नही साहब मेरा बच्चा भूखा सो नही रहा है, साहब वो तो भूख से कब का मर चूका है, उसी को लेकर हम अपने गाँव जा रहे है ताकि वंहा इसका अंतिम संस्कार कर सके |
(ये एक काल्पनिक है लेकिन आज ऐसा सडको पर देखा जा सकता है )

क्या हो रहा है, किसी को समझ में नहीं आ रहा है या कोई समझ के भी नासमझ बन बैठा है । एक तो ये महामारी का डर, अरे नहीं भाई थोड़ा रुको, भूख सेे मर जाने का डर ! अब सोचता हूं बड़ा कौन है, किसका डर सबसे ज्यादा है, भूख का या कोरॉना का, सवाल सीधा है मगर समझना बहुत पेचीदा है ।

ये वक्त हंसी और ठट्टो का नहीं है, सबकी उंगली एक तरफ है और वो जश्न में डूबे है, आज सड़कों पर नंगे पैर और भूखे पेट चलने को मजबूर है या उन्हें मजबूर कर दिया गया है। अब इस सवाल का जवाब भी हमसे ही मत मांग लेना हमारे मित्रो।

आज के इस दौर में सवाल ये नहीं है कि महामारी है, लोग सवाल पूछ रहे है की लोग सड़कों पर क्यों मर रहे है? सवाल ये है कि इसके बाद क्या होगा? लेकिन जवाब के तलाश में अपनी आंखे बस ईश्वर को देखती है और वहां भी सिर्फ शून्य नजर आता है ।

एक सवाल है हम किस दौर में है ! महामारी या भुखमरी या बेरोज़गारी या आने वाले समय में हम किस दौर में होंगे ।

सवाल बहुत है और हर किसी के मन में है मगर जवाब कोई नहीं ढूंढ़ रहा है या फिर किसी को पूछने कि हिम्मत नहीं है, ये आपसे बेहतर कोई नहीं जानता ।

कल का भारत कैसा होगा आज ये किसी को भी पता नहीं है, लेकिन आज के दौर को देखकर ये अंदाजा लगाना गलत नहीं होगा कि कल स्थिति और ज्यादा भयावह होगी।

महामारी, बेरोज़गारी और भुखमरी ये लेख नहीं दिल का दर्द है किसको बयान कर देना ज्यादा अच्छा लगा। इसलिए कर दिया । अगर अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तो के साथ शेयर जरुर करे ।

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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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