इस ब्लॉग में आप पढेंगे
- टिड्डियो के बारे में
- टिड्डियो के बढ़ने और भारत में आने का कारण
- टिड्डियों को भागने के उपाय
- टिड्डियों से अब तक के नुकसान
- टिड्डियो का जीवन
- टिड्डियों को बिरयानी
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राजस्थान, हरियाणा और यूपी में आतंक मचाने वाली टिड्डी इन दिनों लॉकडाउन में कोरोना
वायरस के बाद दूसरी सबसे बड़ी चिंता का विषय बनी हुई हैं। हरे भरे खेतों को देखते
ही देखते चट कर जाती है ये टिड्डियाँ | हर दिन यह अपने वजन के अनुसार
खाना खाती है | टिड्डी के दल में 1 लाख से 1 अरब तक टिड्डियाँ हो सकती है | यह एक
दिन 200 टन तक का अनाज चट कर सकती है | और ये टिड्डी दल एक दिन 150 किलोमीटर का
सफर तय करती है |
एक्सपर्ट के अनुसार टिड्डी हमले या टिड्डी दलों की बहुतायत के पीछे
ग्लोबल वार्मिंग है। भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के प्रभारी अधिकारी डॉ. संजीव कुमार
की मानें तो टिड्डी का यह विकराल रूप ग्लोबल वार्मिंग की ही देन है।
जानकारी के अनुसार उत्तरी हिंद और अरब सागर में 2018 में आए साइक्लोनों की
वजह से सऊदी अरब में मौसम में भारी फेरबदल हुआ था। इस मौसम में बदलाव के बाद वहां
भयंकर टिड्डी दल सामने आए। अनियंत्रित यही टिड्डी दल अरब से यमन और ओमान पहुंचे
गए। वहां भी बारिश ने टिड्डी को पनपने का मौका दिया। अब हवा के रूख के चलते
पाकिस्तान के रास्ते भारत पहुंच चुकी टिड्डी दल किसानों में हड़कंप मचाए हुए हैं।
टिड्डियों को भगाने के उपाय
टिड्डियों को भगाने के
परंपरागत उपायों में थाली बजाना, खेतों में धुंआ करना
करना शामिल हैं। टिड्डियों का दल आवाज के कंपन को महसूस करता
है। इस कारण आजकल इन्हें भगाने के लिए डीजे का भी प्रयोग किया जाने लगा है। यह
आवाज को दूर से भांपकर अपना रास्ता बदल लेते हैं अथवा खेतों से उड़कर दूर चले जाते
हैं। इसके अतिरिक्त, फसलों को टिड्डी दल के
हमले से बचाने के लिए हेस्टाबीटामिल, क्लोरफाइलीफास और बेंजीएक्सटाक्लोराइड का खेतों में छिड़काव करना चाहिए। साथ
ही ड्रोन से रसायन का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं सरकारी स्तर पर भी इस तरह के
प्रयास किए जाते हैं। हालांकि इतने बड़े पैमाने पर
ऐसे उपाय करना काफी मुश्किल काम है। वहीं खाली पड़े खेतों में टिड्डी दल अंडे देता
है। जिन्हें नष्ट करने के लिए खेतों में गहरी खुदाई की जानी चाहिए और फिर इनमें
पानी भर देना चाहिए।
बहुत जगह सरकार के द्वारा ड्रोन के माध्यम से कीटनाशको
का छिडकाव भी किया जा रहा है ताकि किसानो का कम से कम नुकसान हो सके |
दिसंबर से अब तक उजाड़ी 15 लाख एकड़ फसल
एक अनुमान के मुताबिक,
देश के छह राज्यों में पिछले साल दिसंबर से अब तक करीब 10 से 15 लाख एकड़ की
फसल को इन टिड्डियों के कारण नुकसान पहुंचा है,
जबकि सरकारी आकड़ों के हिसाब से अभी तक लगभग एक लाख एकड़ कपास, दलहन, तिलहन और गरमी में पैदा होने वाली सब्जियों और फलों की पैदावार टिड्डी हमले की भेंट चढ़ चुका है। अप्रैल के हमले का फसलों पर
ज्यादा असर इसलिए नहीं हुआ, क्योंकि अधिकतर जगह फसल कट चुकी थी और खेतों में बुआई नहीं हुई थी।
कितने दिन तक जिन्दा रहती है
टिड्डी की उम्र महज 90 दिन होती है। एक टिड्डी एक दिन में अपने वजन के
बराबर खाना खाती है और हवा में 5000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकती है। राजस्थान में बड़े-बड़े
टिड्डी दल या झुंड दिख रहे हैं। एक्सपर्ट रिपोर्ट के अनुसार एक दल 740 वर्ग किलोमीटर तक बड़ा
हो सकता है। इनसे दुनिया के करीब 60 देश प्रभावति हैं।
टिड्डी से जुड़े रोचक तथ्य जिसे सुनकर आप चौक जायेंगे
आपको ये जानकर बड़ी हैरानी होगी की पाकिस्तान के थार,
नारा एवम चेलिस्तान के रेगिस्तानी इलाकों में इन टिड्डियो को पला जाता है | और अब
ये ही उनके लिए सर दर्द बना हुआ है |
एक बात और है जिसे सुनकर आप पाकिस्तान को चीन की
संज्ञा दिए बिने रह सकते है | और वो यह है की पाकिस्तान के मंत्री ने टिड्डी खाने
की सलाह तक दे डाली और उससे भी बड़ी बात है की वहाँ के लोगो ने इसका अमल करना भी
शुरू कर दिया |
थार जिला के चचराओ क्षेत्र में एक रेस्तरां में तो
टिड्डी परोसन शुरू भी कर दिया है |वो कहते है की टिड्डी में विटामिन की मात्रा
अधिक होती है इसलिए इसे खाना सेहत के लिए काफी अच्छा है | और अब वहाँ पर टिड्डी
बिरयानी काफी प्रचलित होता जा रहा है |
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