झारखण्ड में बढ़ते कोरोंना के डर से लोगो ने की आत्महत्या |
इसी तरह का एक आत्महत्या का
मामला सामने आया है, जब मैंने भी पढ़ा तो मै भी एक पल के लिए सोच में पड गया |
ये मामला है गिरिडीह जिला के
बिरनी थाना क्षेत्र के बैदापहरी गाँव का, जहाँ एक पारा शिक्षक सुरेश पंडित ने जिसकी
उम्र 28 वर्ष थी, उनका शव एक संदिग्ध अवस्था में रस्सी से लटकता पाया गया | जब की
कहा जाता है की वह एकदम नार्मल था लॉकडाउन का पालन भी अपने घर में रहकर कर रहा था
| मगर पुलिस को जहाँ से शव प्राप्त हुआ है वन्ही से तीन पन्ने का लिखा एक सुसाइड
नोट भी प्राप्त किया गया है | जिसमे लिखा था की “जब तक मुझे इस बीमारी का पूरी तरह
से पता चलता, तब तक बहुत देर हो चुकी थी |” इसके अलावा वह कोरोना से जुडी कई बाते प्रधानमंत्री
के नाम से संबोधित करके लिखा था |
सूत्रों से पता चला है की
वह सुसाइड करने के पहले अपना मोबाइल चालू
रखा था और उसमे अपना सुसाइड का पूरा विडियो भी सूट किया था |
अभी तक इस बात की पुष्टि
नही हो पाई है की मरने वाला covid 19 का संक्रमित मरीज था | क्युकी मरने के पहले
उसमे ऐसा कोइ लक्षण नही देखा गया था | (source)
इसी तरह से सुसाइड के और भी
दो मामले झारखण्ड में सामने आये है कहा जा रहा है की कोरोना वायरस के डर ने इन्हे
भी सुसाइड करने पर मजबूर कर दिया | दूसरा मामला रांची के बरियातू थाना क्षेत्र का
बताया जाता है जहाँ एक युवक जो क्वारंटाइन सेंटर में रह रहा था उसने तीसरी मंजिल
से छलांग लगा दिया जिसकी मौत इलाज के दौरान हो गयी |
इसी तरह से तीसरा मामला
पलामू से सामने आया है यहाँ क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे एक युवक का शव कमरे की
खिड़की में गमछे से बने फंदे में लटका हुआ पाया गया | इस शख्श का नाम अयूब खान
बताया जा रहा है |
बता दे की अब तक कोरोना के 56
मामले झारखण्ड में सामने आ चुके है | इनमे से दो की मौत हो चुकी है जब की महिला जो
कोरोना से संक्रमित थी उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई है |
और ख़ुशी की बात ये है की
अभी तक झारखण्ड में कोरोना से संक्रमित मरीजो में से 8 मरीज ठीक होकर घर जा चुके
है |
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