Fundamental Computer about in Computer Memory part-1



Computer memory Part-1

बिट अथवा बाइट
मेमोरी में स्टोर किया गया डाटा 0 या 1 के रूप में परिवर्तित हो जाता है 0 तथा 1 को संयुक्त रूप से बाइनरी डिजिट कहा जाता हैं| संक्षेप में इन्हें बिट भी कहा जाता हैं| यह बिट कंप्यूटर कि मेमोरी में घेरे गे स्थान को मापने की सबसे छोटी इकाई होती हैं|
No. of bits/bytes
Said as
0.1
1 bit
4 bits
1 nibble
8 bits
1 byte
1 byte
1 character
1024 bytes
1 kilobyte (KB)
1024 Kilobytes (KB)
1 Megabyte (MB)
1024 Megabytes (MB)
1 Gigabyte (GB)
1024 Gigabytes (GB)
1 Terabyte (TB)
1024 Terabytes (TB)
1 Petabyte (PB)
1024 Petabytes (PB)
1 Exabytes (EB)
1024 Exabytes (EB)
1 Zettabytes (ZB)
1024 Zettabytes (ZB)
1 Yottabytes (YB)
1024 Yottabytes (YB)
1 Brontobytes (BB)
1024 Brontobytes (BB)
1 Geopbyte


कंप्यूटर मेमोरी क्या हैं

यह Device Input Device के द्वारा प्राप्त निर्देशों को Computer में संग्रहण (Store) करके रखता है इसे Computer की याददाश्त भी कहाँ जाता है| मानव में कुछ बातों को याद रखने के लिये मष्तिस्क होता है, उसी प्रकार Computer में डाटा को याद रखने के लिए मेमोरी (Memory)  होती हैं| यह मेमोरी C.P.U का अभिन्न अंग है,इसे Computer की मुख्य मेमोरी (Main memory), आंतरिक मेमोरी (Internal Memory), या प्राथमिक मेमोरी (Primary Memory) भी कहते हैं|
कंप्यूटरो में एक से अधिक मेमोरी होती है हम उनको सामान्यतः प्राथमिक (Primary) व द्वितीयक (Secondary) मेमोरी के रूप में वर्गीकृत कर सकते है  प्राथमिक मेमोरी अस्थिर (Volatile) तथा स्थिर (Non-Volatile) दोनों प्रकार कि होती है| अस्थिर मेमोरी (Temprery Memory) डेटा को अस्थाई रूप से कंप्यूटर ऑन होने से लेकर कंप्यूटर बंद होने तक ही रखते है अर्थात कंप्यूटर अचानक बंद होने या बिजली के जाने पर कंप्यूटर से डाटा नष्ट हो जाता है स्थिर मेमोरी (Permanent Memory) आपके कंप्यूटर को प्रारंभ करने में सहायक होती हैं| इसमें कुछ अत्यंत उपयोगी फर्मवेयर होते है जो कंप्यूटर को बूट करने में मदद करते है बूटिंग कंप्यूटर को शुरू करने कि प्रक्रिया को कहा जाता है इसे मुख्य मेमोरी कहा जाता हैं| द्वितीयक संग्रहण वह है जो हमारे डाटा को लंबे समय तक रखता है द्वितीयक संग्रहण कई रूपों में आते हैं| फ्लोपी डिस्क, हार्ड डिस्क, सी.डी. आदि |

मेमोरी के प्रकार (Types of Memory)

1) प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory)
2) सेकंडरी मेमोरी (Secondary Memory)

प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory)

Memory कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण भाग है जहाँ डाटा, सूचना, एवं प्रोग्राम प्रक्रिया के दौरान उपस्थित रहते है और आवश्यकता पड़ने पर तत्काल उपलब्ध रहते है यह मेमोरी अस्थिर मेमोरी होती है क्योकि इसमें लिखा हुआ डाटा कंप्यूटर बंद होने या बिजली के जाने पर मिट जाता है प्राइमरी मेमोरी कहलाती हैं| इसे प्राथमिक मेमोरी या मुख्य मेमोरी भी कहते हैं|
प्राइमरी मेमोरी मुख्यतः दो प्रकार की होती है
1) रैम (RAM)
2) रोम (ROM)

RAM (Random Access Memory)

RAM  या Random Access Memory कंप्यूटर की अस्थाई मेमोरी (Temprery Memory) होती हैं| की-बोर्ड या अन्य किसी इनपुट डिवाइस से इनपुट किया गया डाटा प्रक्रिया से पहले रैम में ही संगृहीत किया जाता है और सी.पी.यू. द्वारा आवश्यकतानुसार वहाँ से प्राप्त किया जाता है रैम में डाटा या प्रोग्राम अस्थाई रूप से संगृहीत रहता है कंप्यूटर बंद हो जाने या विजली चले जाने पर रैम में संगृहीत (Store) डाटा मिट जाता हैं| इसलिए रैम को Volatile या अस्थाई मेमोरी कहते है रैम की क्षमता या आकार कई प्रकार के होते है जैसे कि- 4 MB, 8 MB, 16 MB, 32 MB, 64 MB, 128 MB, 256 MB आदि |

रैम तीन प्रकार कि होती हैं|

1) Dynamic RAM
2) Synchronous RAM
3) Static RAM

रोम का पूरा नाम रीड ऑनली मेमोरी होता हैं| यह स्थाई मेमोरी (Permanent memory) होती है जिसमे कंप्यूटर के निर्माण के समय प्रोग्राम Store कर दिये जाते हैं| इस मेमोरी में Store प्रोग्राम परिवर्तित और नष्ट नहीं किये जा सकते है, उन्हें केवल पढ़ा जा सकता हैं| इसलिए यह मेमोरी रीड ऑनली मेमोरी कहलाती हैंकंप्यूटर का स्विच ऑफ होने के बाद भी रोम में संग्रहित डाटा नष्ट नहीं होता हैं| अतः रोम नॉन-वोलेटाइल या स्थाई मेमोरी कहलाती हैं| रोम के विभिन्न प्रकार होते है जो निम्नलिखित है

1) PROM (Programmable Read Only Memory)
2) EPROM (Erasable Programmable Read Only Memory)
3) EEPROM (Electrical Programmable Read Only Memory)

सेकेंडरी मेमोरी क्या हैं? (What is Secondary Memory)

Secondary Storage Device को Auxiliary Storage Device भी कहा जाता है। यह कम्प्यूटर का भाग नही होती है। इसको कम्प्यूटर में अलग से जोडा जाता है। इसमें जो डाटा स्टोर किया जाता है। वह स्थाई होता है। अर्थात् कम्प्यूटर बंद होने पर इसमें स्टोर डाटा डिलीट नही होता है। आवश्यकता के अनुसार इसको भविष्य में इसमें सेव फाईल या फोल्डरों को खोल कर देख सकते है। या इसमें सुधार कर सकते है। एवं इसको यूजर के द्वारा डिलिट भी किया जा सकता है। इसकी Storage क्षमता अधिक होती है Secondary Storage Device में Primary memory की अपेक्षा कई गुना अधिक डाटा स्टोर करके रख सकते हैं, जो की स्थानांतरणीय (Transferable) होता हैं एवं डाटा को ऐक्सेस करने कि गति Primary Memory से धीमी होती है। Secondary Memory में फ्लॉपी डिस्क, हार्डडिस्क, कॉम्पेक्ट डिस्क, ऑप्टिकल डिस्क, मेमोरी कार्ड, पेन ड्राइव आदि आते हैं|

Hard Disk

Hard Disk या HDD एक ही बात है, ये एक physical disk होती है जिसको हम अपने computer की सभी छोटी बड़ी files store करने के लिये प्रयोग करते है। Hard disk और RAM मे ये फर्क होता है कि, Hard disk वो चीज है जो store करने के काम मे आती है, लेकिन RAM उस storage मे रखी चीजो को चलाने के काम में आती है। जब हम computer को बन्‍द करते है तो RAM मे पडी कोई भी चीज साफ हो जाती है। लेकिन HDD मे computer बन्‍द होने पर भ्‍|data erase नही होता।
Hard disk के अन्‍दर एक disk घुमती है, जितनी तेज disk घुमती है उतनी ज्‍यादा तेजी से ये Data को store या read कर सकती है। Hard disk के घुमने की speed को हम RPM (Revolutions Per Minute) मे नापते है। ज्‍यादातर Hard disk 5400 RPM या 7200 RPM की होती है, जाहिर सी बात है 7200 RPM की hard disk 5400 RPM वाली से ज्‍यादा तेज होती है।



संरचना एवं कार्यविधि


हार्डडिस्क चुम्बकीय डिस्क से मिलकर बनी होती है। इसमें डाटा को पढ़ने एवं लिखने के लिये एक हेड होता है। हार्डडिस्क में एक central shaft  होती है। जिसमें चुम्बकीय डिस्क लगी रहती है। हार्डडिस्क की ऊपरी सतह पर एवं निचली सतह पर डाटा को स्टोर नहीं किया जाता है। बाकि सभी सतहों पर डाटा को स्टोर किया जाता है। डिस्क की प्लेट में Track and Sector होते है। सेक्टर में डाटा स्टोर होता है, एक सेक्टर में 512 बाइट डाटा स्टोर होता है।

कंप्यूटर मेमोरी के इस लेक्चर को चार भागो में बांटा गया है | बाकि सभी 3 पार्ट आपके लिए भुत ही जल्द इस ब्लॉग पर उपलब्ध करवा दिया जायेगा | 

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धन्यवाद 
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Milan Tomic

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