रामनवमी में पहली बार छाया हज़ारीबाग़ की गलियों में सन्नाटा
जैसा हम सभी जानते है की रामनवमी पूजा हज़ारीबाग़ की शान है, यंहा की जुलुश देखने के लिए बहुत दूर दूर से लोग देखने के लिए आते है । हज़ारीबाग़ के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब रामनवमी की जुलूस नहीं निकाली जा रही है। वर्ष 1915 में गांव के भेखलाल महतो और बंशी महतो ने धर्म से प्रेरित होकर रामनवमी जुलूस निकालने की शुरुआत की थी। शुरुआती दौर में कुछ ही गांव से महावीरी झंडे के साथ जुलूस निकलता था लेकिन यह जुलूस हजारीबाग में आज भव्य रुप ले लिया है। लेकिन इस वर्ष 2020 देश में व्याप्त कोरोना महामारी के कारण सरकार के द्वारा लॉकडाउन किए जाने के कारण रामनवमी जुलूस नहीं निकल रहा है। कटकमसांडी प्रखंड के पबरा गांव से शुरू हुआ रामनवमी जुलूस आज पूरे हजारीबाग शहर में व्यापक रूप ले लिया है।
हज़ारीबाग़ के लोगो ने एहतियात बरतते हुए ये निर्णय लिया है की इस वर्ष रामनवमी का जुलुश नहीं निकला जायेगा लेकिन अपने अपने घरो में सावधानी बरतते हुए रामनवमी पूजा मानाने का लिया निर्णय ।
रामनवमी पूजा के लिए लोग जरूरी सामानो की खरीददारी कर रहे है लेकिन लोग सोशल डेस्टेन्शींग का भी रख रहे है ख्याल ।
कोरोना वायरस ने पुरे झारखण्ड के रामनवमी खराब कर दिया है रास्ते में सन्नाटा छाया हुआ है पहले से ज्यादा लोग सतर्क हो गए है ।
लोग पहले से ज्यादा सतर्कता बरतना शुरू कर दिया है। जबसे लोगो ने झारखण्ड में कोरोना पॉजिटिव सुना है लोग पहले से और ज्यादा सतर्क हो गए है या यु कहे की सतर्क हो रहे है । हलांकि प्रखंड में किराना दुकान, मेडिसिन दुकान व सब्जी, फल दुकान को छोड़ सभी दुकानों मे ताला लटका नजर आता है। एनएच 100 पर सन्नाटा पसरा हुआ है। साथ ही लोगों को हिदायत देते हुए अपील की है कि कोई बाहरी व्यक्ति किसी भी गांव में आता है तो उसकी सूचना प्रशासन व पुलिस को तुरंत दे। ताकि उसकी जांच करायी जा सके।
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