महिलाओं के 10 क़ानूनी अधिकार


हमारे देश में विभिन्न प्रकार के कानून है और इनको मनवाने के लिए प्रशाशन व् पुलिस और न्यायपालिका है |वैसे तो कानून की बात सभी करते है मगर जब कानून का उलंघन होता है तो बहुत ही काम सामने आते है इसके विरुद्ध आवाज उठाने के लिए | खाश कर महिलाये जो सामने आकर आवाज उठाने से डरती है या यु कहें की उन्हें अपने आधिकारिक कानून के जानकारिया नहीं होती है | कुछ महिलाये या तो पुलिस के डर से या परिवार के बदनामी के डर से भी सामने नहीं आती है और जुल्म सहती जाती है |

इसके साथ एक कड़वी सच ये भी है और इससे हम इंकार भी नहीं कर सकते है की भारत में महिलाये सही तरीके से अपने अधिकार एवं महिला सुरक्षा से जुड़े कानून को जानती तक नहीं है |और इसी के आभाव ये अपना सही कदम नहीं उठा पाती है | तो क्यों ना आज इस लेख के द्वारा महिलाये अपने लाभ के लिए बने कानून के बारे जाने | ताकि अगर महिलाओं पर किसी भी प्रकार के अत्याचार हो तो वो अपने खिलाफ आवाज उठा सके | तो आइये हम जानते है की भारतीय कानून में महिलाओं के क्या कानून है और क्या सजा हो सकती है |

1) अगर किसी भी महिला का अपमान या उसकी मर्यादा खत्म करने की कोशिश की जाती है तो उन्हें Section 499 के अंतर्गत 2 साल का सजा का प्रावधान है |

2) अगर किसी महिला को आत्महत्या के लिए उसकाया जाता है तो Section 306 के अंतर्गत उसे 10 साल तक की सजा का प्रावधान है |

3) अगर किसी महिला का गहना, सामान या ज़मीन कोई हड़प के रखा है और वो वापस नहीं कर रहा है तो Section 406 के अंतर्गत उसे 2 साल तक की सजा हो सकती है |

4) किसी भी महिला के ऊपर अभद्र भाषा का प्रयोग करने या अश्लील गाना या आपत्तिजनक इशारे करके उन्हें छेड़ना या परेशान करने पर उसे Section 294 के अंतर्गत 2 महीने तक की सजा हो सकती है |

5) अगर किसी महिला को जबरन गर्भधारण या गर्भपात करवाने के लिए मजबूर किया जाता है तो उस व्यक्ति को Section 312 - 315 के तहत 3 - 10 साल तक सजा हो सकती है |

6) अगर किसी महिला को शादी का वादा करके उसका शरीरिक या मानसिक शोषण किया जाता है तो शोषण करने वाले व्यक्ति को Section 493 के अंतर्गत 10 साल तक की सजा हो सकती है |

7) अगर किसी महिला को किसी आपत्ति जनक सवाल के जवाब देना हो तो वो किसी भी प्राइवेट जगह रिकॉर्ड करके दे सकती है है | ये एक महिला का अधिकार है | लेकिन इस दौरान उस महिला के साथ किसी भी एक पुरुष या महिला कांस्टेबल का होना जरूरी है |   Section 154 महिलाओं को ये अधिकार देता है |

8) ZERO FIR का कानून महिलाओं को ये अधिकार देता है की वो किसी भी पुलिस स्टेशन में जाकर ZERO FIR कर सकती है | सीनियर हाउस ऑफ़िसर (Senior House Officer) को ये FIR लिखनी होगी, भले ही पीड़िता का सम्बन्ध उस एरिया न हो | बाद में उसे  सम्बंधित एरिया के पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर कर दिया जाता है |

9) अगर कोई व्यक्ति महिला को धमकाता या उसको नुकसान  पहुंचाने की कोशिश करता है या उसके किसी करीबी को नुकसान पहुंचाने की धमकी देकर उससे काम करवाने या करने का दबाव देता है या फिर उसे काम करने से रोकता है तो IPC की धारा 503 के तहत उस व्यक्ति पर केस किया जा सकता है |

10) महिलाओं और बच्चो को शनिवार और रविवार को बेल देने का प्रावधान है | और इसकी कारवाही जज के घर पर भी हो सकती है |

अगर आज की ये जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो ऐसे शेयर करना न भूले ताकि महिलाये अपना अधिकार समझ सके |



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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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